नई दिल्ली. भारतीय सितार वादक और गायिका अनुष्का शंकर लगातार छठी बार संगीत की दुनिया में दिया जाने वाले अवॉर्ड ग्रैमी से चूक गई हैं. 20 साल की उम्र से इस पुरस्कार के लिए नॉमिनेट वाली अनुष्का के पिता पं. रविशंकर भी चार बार यह पुरस्कार जीत चुके हैं.
हालांकि इस बार प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए तबला वादक संदीप दास और चाइना मूल के अमेरिका निवासी यो यो मा को दिया गया है. दोनों को एलबम 'सिंग मी होम' में बेहतरीन जुगलबंदी के लिए यह पुरस्कार दिया गया है. वहीं अनुष्का को 'लैंड ऑफ गोल्ड' एलबम के लिए नॉमिनेट किया गया था.
सिंग मी होम को दुनिया भर के संगीतकारों ने किया था तैयार
हालांकि इस बार प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए तबला वादक संदीप दास और चाइना मूल के अमेरिका निवासी यो यो मा को दिया गया है. दोनों को एलबम 'सिंग मी होम' में बेहतरीन जुगलबंदी के लिए यह पुरस्कार दिया गया है. वहीं अनुष्का को 'लैंड ऑफ गोल्ड' एलबम के लिए नॉमिनेट किया गया था.
सिंग मी होम को दुनिया भर के संगीतकारों ने किया था तैयार
आपको बता दें कि एलबम सिंग मी होम में दुनिया भर के संगीतदारों ने धुनें दी हैं. यह बेहतरीन एलबम यो यो मा की डॉक्यूमेंट्री 'द म्यूजिक ऑफ स्ट्रेंजर्सः यो यो मा एंड द सिल्क रोड एनसेंबल' का हिस्सा है. इस एलबम में शहनाई वादक किनान अजमेह ने भी अपना योगदान दिया है.
लाल कुर्ता पहनकर गए थे संदीप
इस पुरस्कार समारोह में संदीप दास भारतीय परिधान कुर्ता और पजामा पहन कर गए थे. जैसे ही उनके नाम की घोषणा की गई वहां मौजूद भारतीय सहित दुनिया भर से आए लोगों ने उनका स्वागत ताली बजाकर किया. मीडिया से बातचीत में संदीप ने कहा 'जब आपके जीवन में ऐसी होती हैं तो इसका सीधा प्रभाव पड़ता है क्योंकि हमने कई देशों का बहुत कुछ अपनाया है. ऐसा लगता है कि हम और संगीत बनाते रहेंगे और प्रेम फैलाते रहेंगे'
लाल कुर्ता पहनकर गए थे संदीप
इस पुरस्कार समारोह में संदीप दास भारतीय परिधान कुर्ता और पजामा पहन कर गए थे. जैसे ही उनके नाम की घोषणा की गई वहां मौजूद भारतीय सहित दुनिया भर से आए लोगों ने उनका स्वागत ताली बजाकर किया. मीडिया से बातचीत में संदीप ने कहा 'जब आपके जीवन में ऐसी होती हैं तो इसका सीधा प्रभाव पड़ता है क्योंकि हमने कई देशों का बहुत कुछ अपनाया है. ऐसा लगता है कि हम और संगीत बनाते रहेंगे और प्रेम फैलाते रहेंगे'
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