यूपी में चुनाव प्रचार को लेकर एमपी के सीएम यूपी में रैलियां कर रहे हैं. सोमवार को शिवराज ने अखिलेश सरकार को कानून-व्यवस्था पर घेरा. शिवराज ने कहा कि यूपी में विकास नहीं है, बल्कि गुंडाराज और अपराध ही दिखाई देता है. शिवराज का दावा है कि उनकी सरकार ने ग्वालियर, भिंड, मुरैना सहित कई इलाकों को डकैतों से मुक्त कराया है. नक्सलवाद और सिमी के नेटवर्क को खत्म किया है. उन्होंने इस बात से इनकार किया कि मध्य प्रदेश की कानून-व्यवस्था उत्तर प्रदेश के मुकाबले ज्यादा खराब है.
अखिलेश ने भी किया दावा
इधर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शिवराज के दावे पर चौहान को एनसीआरबी के आंकड़े देखने की बात कही. उन्होंने मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले से जुड़ी मौतों का जिक्र भी किया.
शिवराज की सफाई, इसलिए एमपी में हैं क्राइम ज्यादा
चौहान ने अखिलेश का जवाब देते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में ऑनलाइन मुकदमे दर्ज होते हैं, और यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है, लेकिन उत्तर प्रदेश में मुकदमा दर्ज कराना टेढ़ी खीर है. यह मुकदमा दर्ज करने से पहले आरोपी की हैसियत और पहचान देखी जाती है.
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के हिसाब से अपराध में यूपी-एमपी.
शिवराज के राज में अपराध
पूरे देश में छोटे-बड़े अपराध 28,51,563 हुए. अकेले एमपी में 2,72,423 हुए.
एमपी रेप के मामले और कुल अपराध (आईपीसी) में भी नंबर वन है.
एमपी में 5,076 रेप की घटनाएं हुई, हर दिन करीब 14 रेप हुए.
दिल्ली में 2,096 ही दर्ज हुए. एमपी में इसकी दर दोगुनी है.
बीते सालों मध्य प्रदेश में क्राइम रेट में बढ़ोत्तरी 358 फीसदी की दर से हुई है.
अखिलेश के राज में कानून व्यवस्था
हत्या-अपहरण के मामले में यूपी नंबर वन है.
रेप के मामलों में एमपी के बाद राजस्थान है, यहां 3759 और तीसरे नंबर पर यूपी है, यहां 3461 मामले दर्ज हुए.
यूपी हत्या-किडनैपिंग में नंबर वन है. यहां थाने में दर्ज अपराध का स्तर 358 है.
साल 2016 में देश में 33, 981 हत्या हुईं. इसमें सबसे ज्यादा 5,150 यूपी में हुईं.
देश में अपहरण-भगा ले जाने के 77, 237 मामले. यूपी के ही 12,361 मामले हैं.
लूट के मामलों में महाराष्ट्र देश में पहले नंबर पर है.
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