नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले से जुड़े एक मामले में अपना फैसला सुनाया है। इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का फैसला बरकरार रखते हुए सामूहिक नकल के दोषी छात्रों के दाखिले रद्द कर दिए हैं।
इससे पहले मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए सामूहिक नकल के दोषी 634 छात्रों के दाखिले को रद्द कर दिया था जिसके बाद इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट को अपना फैसला सुनाना था। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा।
इससे पहले 268 छात्रों की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने एक दिलचस्प फैसला सुनाया था। कोर्ट ने कहा था कि जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए सभी 634 छात्रों को ग्रेजुएशन पूरा होने के बाद पांच साल तक भारतीय सेना के लिए बिना किसी वेतन के काम करना पड़ेगा।
कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी जोड़ा था कि पांच साल पूरे होने पर ही उन्हें डिग्री दी जाएगी। काम करने के दौरान उन्हें सिर्फ गुजारा भत्ता दिया जाएगा।
व्यापमं मे सामूहिक नकल की बात सामने आने के बाद 2008-2012 के छात्रों के बैच के एडमिशन रद्द कर दिए गए थे। इसके बाद सभी छात्रों ने कोर्ट से इस मामले में दखल देने की अपील की थी।
इससे पहले 268 छात्रों की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने एक दिलचस्प फैसला सुनाया था। कोर्ट ने कहा था कि जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए सभी 634 छात्रों को ग्रेजुएशन पूरा होने के बाद पांच साल तक भारतीय सेना के लिए बिना किसी वेतन के काम करना पड़ेगा।
कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी जोड़ा था कि पांच साल पूरे होने पर ही उन्हें डिग्री दी जाएगी। काम करने के दौरान उन्हें सिर्फ गुजारा भत्ता दिया जाएगा।
व्यापमं मे सामूहिक नकल की बात सामने आने के बाद 2008-2012 के छात्रों के बैच के एडमिशन रद्द कर दिए गए थे। इसके बाद सभी छात्रों ने कोर्ट से इस मामले में दखल देने की अपील की थी।
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