स्वदेशी तकनीक से लैस ‘अग्नि-5’ मिसाइल का सोमवार को ओडिशा में चौथा और आखिरी परीक्षण हुआ। सतह से सतह तक मार करने में सक्षम और परमाणु क्षमता से लैस बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि-5’ को व्हीलर द्वीप से छोड़ा गया। मिसाइल का पहला परीक्षण 19 अप्रैल 2012 को किया गया था, जबकि दूसरा परीक्षण 15 सितंबर 2013, तीसरा परीक्षण 31 दिसंबर 2015 को इसी ठिकाने से किया गया था।
मिसाइल में नई टेक्नॉलोजी शामिल
स्वदेश में विकसित सतह से सतह तक मार करने में सक्षम अग्नि-5 मिसाइल 5000 किलोमीटर से अधिक दूरी तक के लक्ष्य को भेदने में सक्षम है। यह 17 मीटर लंबी, दो मीटर चौड़ी और इसका प्रक्षेपण भार तकरीबन 50 टन है, यह एक टन से अधिक वजन के परमाणु हथियार ढोने में सक्षम है। ‘अग्नि-5’ सबसे ज्यादा आधुनिक मिसाइल है। न्यूक्लियर वॉरहेड ढोने में सक्षम अग्नि-5 मिसाइल को आसानी से कहीं भी ले जाया और दागा जा सकता है।
क्या बोला (डीआरडीओ) ?
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के सूत्रों ने बताया कि अगर सब कुछ योजना अनुसार रहा तो इसे एकीकृत परीक्षण केंद्र (आइटीआर) से मोबाइल लांचर के जरिए छोड़ा जाएगा। इसके साथ ही कुछ और परीक्षणों के बाद इसे सेना में शामिल कर लिया जाएगा। नेविगेशन और इंजन के मामले में यह अग्नि सीरीज की मिसाइलों से सबसे उन्नत है।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Author Details
Jabalpur Awaaz is a weekly news paper. we are published current news related our Country, World,society, politics, Crime and other issues.
No comments:
Post a Comment